उत्तर प्रदेश के हाथरस (hathras tragedy) जिले में दो दिन पहले दर्दनाक घटना घटी। सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलगढ़ी गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग था। सत्संग के समापन पर भगदड़ मच गई। इसमें 121 लोगों की जान चली गई। जबकि 150 से अधिक लोग घायल हैं।
बताया जा रहा है कि सत्संग से निकलने के बाद साकार हरि मैनपुरी पहुंचे। यहां बिछवां थाना क्षेत्र स्थित अपने आश्रम में हैं। यह फैली तो सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस वहां घेरबंदी कर ली। बुधवार को तो मामला शांत रहा। लेकिन, गुरुवार को दोपहर बाद भक्तों का आना शुरू हो गया।
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(hathras tragedy) एक तरफ तो वह लोग हैं जिन्होंने अपनों को को दिया। दूसरी तरफ वह लोग हैं तो 121 लोगों की जान चली जाने के बाद भी सबक लेने तो तैयार नहीं हैं। वह बाबा के समर्थन में पहुंच रहे हैं। पुलिस के समझाने पर भी नहीं मान रहे हैं।
उनका कहना है कि बाबा भगवान हैं। हमारे लिए सब कुछ हैं। उनको कुछ नहीं होना चाहिए। उनकी गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। वहीं कुछ महिलाएं आश्रम के गेट पर बार बार माथा टेकते दिखीं। अब ये कैसा पागलपन है, किसी की समझ में नहीं आ रहा।
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(hathras tragedy) लोग बाबा के लिए जान देने को भी तैयार हैं। भले ही वह अपने घरों में अपनों का सम्मान तक न करते हों। हालांकि ऐसे लोगों को पुलिस ने आश्रम के आसपास ज्यादा देर भटकने नहीं दिया। उन्हें वहां से चलता किया।
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