UP News: रसिया थे सीओ से सिपाही बनाए गए कृपाशंकर, महिलाओं को अश्लील मैसेज भेजने के लिए भी थे बदनाम

सीओ से सिपाही बनाए गए कृपाशंकर कनौजिया

UP News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सीओ से सिपाही बनाए जाने वाले कृपाशंकर कनौजिया महिलाओं को अश्लील मैसेज भेजने के लिए भी प्रसिद्ध थे। वह महिला सहकर्मियों को वीडियो भेजने और द्विअर्थी मजाक के लिए भी बदनाम थे। इससे पहले उन्हें प्रमोशन मिलने के बाद पहला जनपद उन्नाव मिला था। यहां से सीधे डिमोशन होकर सिपाही बना दिए गए।

उन्नाव में कृपाशंकर, बीघापुर सर्किल में तैनात थे। सर्किल के बारासगवर थाने में तैनात महिला सिपाही से नजदीकी बढ़ी। इसी कारण उन्हें वह दिन देखना पड़ा जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की होगी। पत्नी की शिकायत पर जुलाई 2021 को कानपुर के होटल में महिला सिपाही के साथ पकड़े गए थे। जांच के बाद गृह विभाग ने कार्रवाई की और डिप्टी एसपी से डिमोशन कर सिपाही बना दिया।

इंस्पेक्टर से डिप्टी एसपी पर मिला था प्रमोशन

कृपाशंकर कनौजिया मूल रूप से गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्हें जनवरी 2020 में गोंडा जिले में इंस्पेक्टर रहते हुए डिप्टी एसपी के पद पर पदोन्नति मिली थी। सीओ के रूप में पहली तैनाती उन्नाव में मिली। यहां उन्हें सबसे पहली सर्किल बीघापुर मिली। 22 सितंबर 2020 को उन्होंने कार्यालय में नियुक्ति ली थी।

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उनका परिवार गोरखपुर में रहता है। इसी दौरान वह बारासगवर थाने में तैनात एक महिला सिपाही के संपर्क में आए। उससे नजदीकी बढ़ गई। महिला सिपाही भी खुद को सीओ से कम नहीं समझती थी। एसओ तक पर रौब गांठती थी। डिप्टी एसपी और सिपाही के चर्चे जिले में आम हो गए थे।

छुट्टी लिए, लेकिन घर नहीं गए

कृपाशंकर ने 6 जुलाई 2021 को 6 दिन की छुट्टी ली थी। लेकिन, वह घर नहीं गए। वह महिला सिपाही के साथ कानपुर के एक होटल में रुके थे। घरवालों ने संपर्क किया। संपर्क न होने पर अनहोनी के आशंका हुई। इस पर पत्नी ने तत्कालीन एसपी आनंद कुलकर्णी को जानकारी दी।

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एसपी ने सर्विलांस की मदद से लोकेशन का पता लगाया। टीम पहुंची तो सीओ, उसी महिला सिपाही के साथ पकड़े गए। दोनों चेहरे पर मास्क लगाकर होटल में दाखिल हुए थे। सीसीटीवी कैमरे में इसके फुटेज भी मिले थे।

चर्चा का विषय बना मामला

मामले की जांच की गई। वह जांच में दोषी मिले। इस पर दो दिन पहले गृह विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। उन्हें डिप्टी एसपी से डिमोशन करके सिपाही बना दिया। साथ ही गोरखपुर पीएसी कैंप भेज दिया। विभाग में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।