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Cyber Crime: साइबर ठग आपका खाता खाली करने के नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इन दिनों एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। लोगों के मोबाइल पर गाड़ी का ई-चालान भेजा जा रहा है। जो कि पूरी तरह फर्जी है। इसमें चालान के पैसे जमा करने के लिए लिंक दी गई होती है। उस पर क्लिक करते ही खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं। बाद में पता चलता है कि जिस चालान के पैसे आपने भरे हैं, वो तो कभी हुआ ही नहीं था।

इस तरह की ठगी का शिकार हुए लोगों ने अपनी पीड़ा बताई। बताया कि मोबाइल पर चालान का लिंक आया। जुर्माने का भुगतान करने के लिए कहा गया। हमने पैसा ऑनलाइन जमा कर दिया। रसीद लेने के लिए जब विभाग पहुंचे, तब पता चला कि उनके वाहन का चालान तो हुआ ही नहीं। चूंकि चालान की रकम एक से पांच हजार तक थी, इसलिए उन लोगों ने थाने में शिकायत नहीं की।

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आपको भेजे गए मैसेज में जालसाज लिखते हैं कि आपकी गाड़ी का चालान हुआ है, आपको नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके जुर्माना जमा करना है। ये चालान सामान्य तौर पर हेलमेट न लगाने, तेज रफ्तार गाड़ी चलाने, नो-पार्किंग में अपना वाहन खड़ा करने के मामले में बताया जाता है। एक से पांच हजार रुपये जमा करा लिए जाते हैं।

ताजा मामले यूपी के महराजगंज जिले से आए हैं–

केस नंबर एक

शहर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी अंकुर गुप्ता ने बताया कि उनके मोबाइल पर मैसे आया। ओवर स्पीड पर पांच हजार रुपये का ई-चालान भेजा गया था। वह मैसेज लेकर यातायात विभाग पहुंचे। लेकिन, यहां मालूम चला कि इस तरह का कोई चालान नहीं किया गया।

केस नंबर दो

शहर कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी अभिषेक रॉय ने बताया कि उनके पास भी मैसेज आया। लिखा था कि बिना हेलमेट लगाए, तीन सवारी बैठाकर बाइक चलाई। इस पर चार हजार रुपये का ई-चालान भेजा गया। वह ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचे। पता करने पर मालूम हुआ कि विभाग से कोई चालान नहीं किया गया।

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साइबर जानकारों का कहना है कि ठग एक साथ हजारों मोबाइल पर यह मैसेज भेजते हैं। कई लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं। कुछ को अपने साथ हुई ठगी का पता ही नहीं चलता। जो लोग अपने चालान के बारे में जानने ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचते हैं, उनको ही जालसाजी का पता चल पाता है। कई लोग छोटी रकम समझकर शिकायत नहीं करते।

यातायात प्रभारी अरुणेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक रहना सबसे आवश्यक है। संदेह होने पर पहले जांच कर लें। साइबर ठग आपके मोबाइल नंबर आसानी से पता कर लेते हैं। जिन वाहनों का बीमा होता है, उनके स्वामी के मोबाइल नंबर और वाहन की डिटेल ऑनलाइन हासिल कर लेते हैं। इसकी मदद से आसानी से अपना खेल खेलते हैं।

ये सावधानी बरतें-

  • जिस नंबर से ई-चालान भेजा गया है, उसे सावधानी से चेक करें। जांच करके ही लिंक पर क्लिक करें।
  • जरा भी संदेह होने पर यातायात विभाग के कार्यालय जाएं, चालान की पुष्टि कर लें। इसके बाद चालान जमा करें।
  • परिवहन विभाग का एप डाउनलोड करें। इसमें चालान के बारे में ऑनलाइन माध्यम से भी विवरण दर्ज रहता है। यहां से भी क्रॉस चेक किया जा सकता है।

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