बतकही/लखनऊ; उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर जंग छिड़ गई है। यह जंग योगी सरकार और विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीच है। पहले अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा। इसके बाद मायावती भी परोक्ष रूप से इस जंग में इंडिया गठबंधन को समर्थन देती नजर आईं। उन्होंने सरकार को आदेश वापस लेने की बात कही।
दरअसल बात मुजफ्फरनगर पुलिस के एक आदेश से शुरू हुई। देखते ही देखते तूल पकड़ लिया। मुजफ्फरनगर एसएसपी ने एक आदेश जारी किया। इसमें ठेले वालों, ढाबे वालों और दुकानदारों को आदेशित किया कि सभी लोग दुकानों के बाहर संचालक और दुकानदार का नाम लिखें। पुलिस ने हाईवे और बाजार में इस आदेश का पालन कराना भी शुरू कर दिया।
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SP Chief Akhilesh Yadav- अखिलेश बोले-सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश
अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। अखिलेश यादव ने सोशल साइट्स एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, …और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा ?
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सपा मुखिया ने लिखा कि माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले। ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं। यह सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
https://x.com/yadavakhilesh/status/1813795930535326020?t=BwqAkdhP09j_3HEovMAXxQ&s=19
BSP Chief Mayawati – मायावती ने कहा-सरकार वापस ले आदेश
अब इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश व मुजफ्फरनगर जिले के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है। यह सौहार्द पूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले।
https://x.com/Mayawati/status/1813880006441161023?t=wlQ9ZEYh8hTzmbAy468c_w&s=19